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بمعنى المباح والجائز (١). مثلاً ترك البسملة قبل الوضوء، وذبح الأضحية بيد غير صاحبها مما لا يستحب، ولكنها لا تضر، وتكون العبادة صحيحة (٢). وهذا المصطلح مستعمل في مواضيع الصوم والنكاح وذبح الحيوان والسلم والبيع والصرف والإجارة والوصية والشهادة، فهي مستعملة في العبادات والعقود والتصرفات (٣).

[٣ - لا بأس]

يروي الشيباني أحاديث وآثاراً تشتمل على هذا التعبير (٤). وهذا التعبير يعني الجواز وعدم الإثم. ويُستعمل مع مصطلحات "جائز، حلال، صحِيح، مستقيم، ينبغي، تام ويجزئ" (٥). وفي مقابله تستعمل مصطلحات مثل "أحَبُّ


(١) الأصل للشيباني، ١/ ٢١ و، ٢٣ و، ٢٣ ظ، ٢٨ و، ٢٨ ظ، ٤٠ و، ٦٠ ظ، ٧٣ ظ، ٧٩ ظ، ٢١٨ ظ.
(٢) الأصل للشيباني، ١/ ٤ ظ، ٣/ ٢٠٨ ظ
(٣) الأصل للشيباني، ١/ ١٣٤ ظ، ١٣٩ ظ، ١٤٢ ظ، ١٤٣ ظ، ٢١٥ ظ، ٢١٨ ظ، ٢٤٨ و، ٢٨٩ و، ٣٠٣ و، ٣٠٦ و، ٣١٢ ظ، ٢/ ١٤٦ ظ، ٣/ ٤ و، ٧ ظ، ٩ و، ٣٦ ظ، ١٩٣ ظ، ١٩٤ ظ، ١٩٦ ظ، ٢٠٤ ظ، ٢٥١ ظ، ٢٥٢ و، ٤/ ١٥٦ و، ٥/ ٥٤ ظ، ١٣٦ و؛ الحجة للشيباني، ٣/ ٣٠.
(٤) الأصل للشيباني، ١/ ٢٨١ و، ٢٨٢ و، ٢٨٢ ظ، ٢٨٣ و، ٢٨٣ ظ، ٢٩٠ ظ، ٢٩٣ ظ، ٢٩٤ و، ٢٩٥ ظ، ٣٠١ و، ٢/ ١٢٠ و، ٣/ ١٨٦ ظ، ١٩١ ظ، ١٩٢ و، ١٩٢ ظ، ١٩٣ و، ٢٠٥ ظ، ٢٠٦ ظ، ٢١٤ و، ٥/ ١١٤ و، ١٣٢ ظ، ٧/ ١٦ و، ٤٠ ظ، ٤١ ظ، ٤٢ و، ٥٣ و، ٨/ ٣٥ و.
(٥) الأصل للشيباني، ١/ ٢ ظ، ٣ و، ٣ ظ، ٤ و، ٤ ظ، ٥ و، ٥ ظ، ٦ و، ٦ ظ، ٧ ظ، ٨ و، ١٠ ظ،١١ و، ١٢ و، ١٣ و، ١٣ ظ، ٢٣ ظ، ٢٤ ظ، ٢٨ ظ، ٧١ و، ٨١ و، ٨٢ ظ، ١٠٧ ظ، ٢٢٥ و، ٢٧٥ ظ، ٣٢٢ ظ، ١٣٢/ ٢ و، ١٤٨ ظ، ١٦٧ و، ١٩٤ و، ٢٣٥ و، ٢٣٥ ظ، ٣/ ٢٠٦ ظ، ٢٠٧ ظ، ٤/ ١٢٧ و، ١٢٧ ظ، ٥/ ١٢٦ ظ، ١٣٢ ظ، ٢٣٠ و، ٦/ ٦٦ و، ٧٥ ظ، ١٨٤ و، ٧/ ٤ ظ، ٧ ظ، ١٥٨ ظ، ١٦١ و، ١٧٠ و، ١٧٠ ظ، ١٨٤ ظ، ٨/ ٧٣ و؛ الجامع الصغير للشيباني، ص ٨٢، ٨٦، ٩١، ١١٦، ٢٣٣، ٣٠٣، ٤٧٦، ٤٨٠، ٤٨١، ٥٣٣؛ الحجة للشيباني، ١/ ١٥، ١٨، ٢٣، ١٢٩؛ موطأ محمد، ١/ ٢٤٢، ٢٩١، ٣١٨، ٤٦٥، ٤٧٩؛ الآثار للشيباني، ص ١١، ١٣، ١٧.

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